*कानपुर में पत्रकारों के उत्पीड़न को लेकर जिले के वरिष्ठ पत्रकार हुये लामबंद,पत्रकारों द्वारा आगे आकर ,बनाई जा रही रणनीति******
रियाज़ रज़वी
कानपुर : (NNI 24) प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में बीते दिनों एक वरिष्ट पत्रकार की गिरफ्तारी व उससे उतपन्न प्रकरण की आड़ में अन्य पत्रकारों के साथ प्रशासन द्वारा पैदा की जा रही कार्यवाही व उत्पीड़न को लेकर सामान्य पत्रकारों में रोष पैदा हो रहा है और इसी के संदर्भ में जिले के वरिष्ट पत्रकारों द्वारा प्रेस क्लब सभागार में आयोजित कर शहर के वरिष्ठतम पत्रकारों द्वारा विचार विमर्श किया गया।इस विशेष बैठक में ये तय किया गया कि इस मामले को लेकर उच्च स्तरीय जाँच की जानी चाहिये और आरोपित पत्रकारों के अलावा किसी अन्य पत्रकार का बेजा उत्पीड़न न किया जाये और हर पत्रकार को अपना कार्य करने में कोई रुकावट न पैदा की जाये इसके लिये ये तय किया गया कि पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल जिले और प्रदेश के आला अफसरों से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे और जरूरत पड़ी तो कानपुर के साथ साथ लखनऊ और दिल्ली तक इसकी आवाज़ पहुंचाई जाये गई तथा निष्पक्ष जांच के लिए आला अफसरों से मिलेगा।इस बैठक के जरिये निर्दोष पत्रकारों को फर्जी मामलों में फंसाने के खिलाफ नाराजगी जाहिर की गई। कानपुर शहर के पत्रकारों के उत्पीड़न के खिलाफ वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रेस क्लब में विचार-विमर्श करने के साथ प्रेस क्लब की गरिमा से समझौता नहीं करने के लिए रणनीति भी बनाई। वरिष्ठों ने तय किया कि एक भूमि विवाद के बाद तमाम पत्रकारों के खिलाफ बेहद पुराने और फर्जी मामलों में रिपोर्ट दर्ज करना न्यायसंगत नहीं है। ये भी तय किया गया कि प्रेस क्लब की साख पर आंच नहीं आने दी जायेगी पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करने के लिए संजीदा पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही स्थानीय आला अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकार से संवाद करेगा।
अति वरिष्ठ पत्रकारों ने आमसभा में स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के आपराधिक कृत्य के लिए पुलिस-प्रशासन कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन स्वर्णिम इतिहास वाले कानपुर प्रेस क्लब को बदनाम करने की साजिश बर्दाश्त नहीं करेंगे। वरिष्ठ पत्रकारों ने संकट की घड़ी में एकजुटता का आह्वान करते हुए निर्णय लिया कि विभिन्न मामलों की निष्पक्ष जांच तथा निर्दोष पत्रकारों को पुराने और फर्जी मामलों में फंसाने के खिलाफ स्थानीय प्रशासन से चर्चा करेंगे। इसके साथ ही सत्य युद्ध में सच्चाई बताने के लिए प्रतिनिधिमंडल लखनऊ-दिल्ली भी जाएगा।
प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित पत्रकार सभा में वरिष्ठ-बुजुर्ग पत्रकार जुबैर अहमद फारुखी ने कहाकि, साठ साल पुरानी संस्था की साख पर सवाल कबूल नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया- प्रेस क्लब का किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत आचरण से सरोकार नहीं है। कानून अपने हिसाब से काम करे, लेकिन अमुक घटना में प्रेस क्लब का बार-बार उल्लेख करना बर्दाश्त नहीं है। अरुण मिश्र ने प्रस्ताव रखा कि, विभिन्न मामलों की निष्पक्ष जांच और निर्दोष पत्रकारों को फर्जी-पुराने मामलों में फंसाने के खिलाफ संजीदा पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही अधिकारियों से मुलाकात करे। वरिष्ठ पत्रकार जीपी वर्मा ने कानूनी मशविरे के साथ सत्य की लड़ाई को आग बढ़ाने की बात रही, जबकि पीयूष त्रिपाठी ने कहाकि, छोटी-छोटी शिकायतों पर बगैर जांच-पड़ताल मुकदमा दर्ज कराना आपातकाल जैसा है। वरिष्ठ पत्रकार सुरेश शर्मा ने इस लड़ाई में सहयोग के लिए विभिन्न संस्थाओं से संवाद की जरूरत जताई। वरिष्ठ पत्रकार अनिल मिश्रा, सतींद्र बाजपेई, प्रेस क्लब अध्यक्ष सरस बाजपेई, महामंत्री शैलेश अवस्थी ने भी मार्ग-दर्शन किया।
अंत में आमसभा में एकराय से तय किया गया कि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज विभिन्न मामलों में निष्पक्ष जांच के लिए तथा निर्दोष पत्रकारों पर एक सप्ताह में दर्ज मामलों को समाप्त करने के वास्ते वरिष्ठ पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पुलिस कमिश्नर और मंडलायुक्त के साथ-साथ राज्य सरकार से मुलाकात करेगा। जरूरत पड़ने पर सत्य युद्ध की गूंज दिल्ली तक गूंजेगी। शहर के दिग्गज पत्रकारों का कानपुर प्रेस क्लब से गहरा नाता रहा है। कानपुर प्रेस क्लब का इतिहास साठ वर्ष पुराना है। दैनिक जागरण के प्रधान संपादक स्व. नरेंद्र मोहन गुप्त से लेकर तनवीर हैदर उस्मानी सरीखे तमाम राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार इस संस्था के सदस्य रहे हैं। कानपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने देश के विभिन्न राज्यों में हिंदी और उर्दू पत्रकारिता का शौर्य बढ़ाया है। कानपुर प्रेस क्लब ने शहर के मान-सम्मान के लिए कई मर्तबा आंदोलन किया तो कभी कदम की ताकत से कीर्तिमान रचा है।
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